नशे में धुत थानाध्यक्ष ने ऑटो चालक के साथ की क्रूरता

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REPORT BY: Gaurav Mishra Wed, 02 Jul 2025 11:05 am (IST)
नशे में धुत थानाध्यक्ष ने ऑटो चालक के साथ की क्रूरता पीड़ित का आरोप जाति पूछकर थूक भी चटाया थानाध्यक्ष को एसपी ने किया निलंबित शेखपुरा. पुलिस को आम लोगों के प्रति संवेदनशील बनाने और जवाबदेह बनाने की सरकार की कोशिशों को फिर से झटका लगा है। असल में जिले के मेहूस थानाध्यक्ष ने नशे में धुत होकर महज एक ऑटो चालक को साइड न मिलने पर ना सिर्फ पीटा बल्कि उससे उसकी जाति पूछकर उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया। हालांकि इस मामले में थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिये है। क्या है मामला यह घटना कल देर शाम की है. जब ऑटो चालक मेहुस गांव निवासी अजय मिश्रा के पुत्र प्रदूमण कुमार शेखपुरा से अपने पैसेंजर को ऑटो से उतारकर वापस मेहुँस अपने गांव जा रहे थे और रास्ते में वारिश हो रही थी. थानाध्यक्ष मेहुँस थाना में तैनात थानाध्यक्ष प्रवीण चंद्र दिवाकर भी उसी रास्ते से अपने थाना पर जा रहे थे की रास्ते में थानेदार ने बाइक की हॉर्न बजाकर ऑटो से साइड मांगा जब ऑटो चालक ने साइड नही दिया तब थानेदार आग बबूला हो गया। और रास्ते में ऑटो रुकवाकर उसकी डंडे से पिटाई कर दी।इससे भी जब थानेदार का मन नही भरा तो थानेदार ने ऑटो चालक प्रदूमण को अपने साथ थाना ले गए और वहां भी लेजाकर उसकी पिटाई कर दी गई।यही नही थानेदार ने ऑटो चालक से उसकी जाती पूछी जब ऑटो चालक प्रदूमण ने अपने जाती ब्रह्मण बताई तो थानेदार ने कहा की हम ब्रह्मण से नफरत करते हैं और फिर पिटाई के बाद उससे थूक भी चटवाई और उसे छोड़ दिया गया। यह मामला जब स्थानीय बरबीघा विधायक सुदर्शन कुमार के पास पहुंचा तब विधायक ने मामले पर संज्ञान लिया और पीड़ित को लेकर एसपी बलिराम कुमार चौधरी के समक्ष पहुंचे और कार्रवाई की मांग किया।एसपी ने तुरंत जांच का आदेश एसडीपीओ डॉक्टर राकेश कुमार को दिया। जिसके बाद एसडीपीओ ने जब मामले का जांच किया तो मारपीट की घटना सही पाई गई।तत्काल एसपी ने कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष मेहुँस प्रवीण चंद्र दिवाकर को निलंबित कर दिया गया और उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया। क्या कहते हैं पीड़ित इस संबंध में जब पीड़ित से पूछ-ताछ किया गया तो उसने बताया की थानाध्यक्ष शराब के नशे में धुत थे और मेरे साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया। जिसके बाद पीड़ित का इलाज सदर अस्पताल में कराया गया। हालांकि एक मीडिया चैनल में जदयू के वर्तमान विधायक सुदर्शन कुमार ने कबुल किया है कि थानाध्यक्ष शराब का सेवन करते हैं और घटना बाले दिन भी शराब के नशे में थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि बिहार में शराबबंदी है तो फिर थानेदार शराब लाकर कहां से पी रहे हैं ऐसे में सुशासन बाबू की सरकार की पुलिस ही जब ऐसी करतूत कर रही है तो आम जनता क्या करेगी। बहरहाल पीड़ित पक्ष और उनके गांव के लोगों ने थानाध्यक्ष के निलंबन की प्रक्रिया से संतुष्ट नही है पीड़िता ने मांग किया है कि उन्हें चयन मुक्त कर उन्हें जेल भेजा जाय तभी वास्तविक रूप से उनको न्याय मिल पाएगा। अब देखना यह लाजमी होगा की बिहार पुलिस के आईजी और डीआईजी के अलावे एसपी इस मसले पर कितना काम कर पाते है। क्या कहते हैं थानाध्यक्ष बहरहाल इस संबंध में निलंबित थानाध्यक्ष प्रवीण चंद्र दिवाकर से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने डंडे से मारने की बात को स्वीकार किया है। जबकि जाति सूचक शब्द और थूक चटवाने की बात को सरे से खारिज कर दिया है |मेहुँस के निलंबित थानाध्यक्ष ने अपने ऊपर लगे आरोप को राजनीति का शिकार होने की बात कही है |

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