अमेरिका से अवैध प्रवासी के रूप में हजारीबाग के सोनू के डिपोर्ट होने पर मिले इनपुट पर हजारीबाग में एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़

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REPORT BY: Pratah Awaj IT Head Dheeraj kumar Sun, 03 Aug 2025 12:12 pm (IST)
हजारीबाग। अमेरिका से अवैध प्रवासी के रूप में हजारीबाग के सोनू के डिपोर्ट होने पर मिले इनपुट पर हजारीबाग में एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ जो नौकरी का झूठा वायदा और फर्जी कागजात के सहारे डंकी रूट से लोगों को अमेरिका भेजता था। पुलिस ने इस गिरोह के मास्टर माइंड उदय कुमार कुशवाहा समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। उदय मूल रूप से हजारीबाग जिले के टाटीझरिया के भराजो का रहने वाला है। वह पिछले 45 वर्षों से अमेरिका में रहकर वहां व्यवसाय करता था। उसे अमेरिका की नागरिकता और ओवरसीज सिटीजनशिप कार्ड भी प्राप्त है। मामले का खुलासा तब हुआ जब सोनू कुमार नामक युवक ने शिकायत की। सोनू को अमेरिका में अवैध रूप से रहने के आरोप में डिपोर्ट किया गया था। जांच में पता चला कि उदय कुमार लोगों को नौकरी का झांसा देकर डंकी रूट के जरिए अमेरिका भेजता था। इसके बदले वह बेरोजगारों से लाखों रुपए वसूलता था। अब तक इस गिरोह ने 12 लोगों को अमेरिका भेजा है। हजारीबाग एसपी अंजनी अंजन ने पत्रकारों को बताया कि उदय के अलावा उसके चार सहयोगियों - को भी गिरफ्तार किया गया है। इनमें दर्शन प्रसाद, बुध - बाजार झरपो हजारीबाग, लालमोहन प्रसाद केसडा, - हजारीबाग, चौहान प्रसाद भराजो निवासी और शंकर प्रसाद मेरू हजारीबाग निवासी शामिल हैं। बताया कि - गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी जारी है। पुलिस अधिकारी के अनुसार, सोनू कुमार को उदय को रिश्तेदारों के साथ दिल्ली से ब्राजील भेजा गया। वहां से उसे पेरू, कोलंबिया, पनामा होते हुए ग्वाटेमाला लाया गया। इस दौरान उन्हें माफिया के कब्जे में 50 दिन रखा गया। वहां उन्हें केवल एक वक्त का भोजन मिलता था और कंटेनर में छुपा कर रखा गया था। उदय ने सोनू के पिता से उसकी रिहाई के लिए 45 लाख रुपए की मांग की। परिजनों ने यह राशि चुका भी दी। इसके बावजूद अमेरिका बॉर्डर पर सोनू को गिरफ्तार कर डिटेंशन सेंटर में रखा गया। चार महीने बाद उसे भारत डिपोर्ट किया गया।

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