महिला किसानो ने अपनाई उन्नत खेती की तकनीक लाइन विधि से धान की खेती में दिखा बदलाव

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REPORT BY: Pratah Awaj IT Head Dheeraj kumar Thu, 31 Jul 2025 1:52 am (IST)
हजारीबाग में महिला किसानों की आय में निरंतर वृद्धि एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से संचालित परियोजना "उन्नत कृषि एवं पशुधन के विकास के माध्यम से महिला किसानों के आय में सतत् वृद्धि" का क्रियान्वयन हजारीबाग जिला अंतर्गत विष्णुगढ़ प्रखंड के 11 गांवों में स्वयंसेवी संस्था जन जागरण केन्द्र द्वारा सफलतापूर्वक किया जा रहा है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य महिला किसानों को पारंपरिक खेती से उन्नत वैज्ञानिक तकनीकों की ओर ले जाना है ताकि वे कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकें और उनकी आय में स्थायी रूप से वृद्धि हो सके। प्रशिक्षण का मुख्य फोकस धान की खेती में एस‌आर‌आई/लाइन विधि को बढ़ावा देना था। एस‌आर‌आई/लाइन विधि से खेती के इस उन्नत पद्धति की विशेषता यह है कि इसमें कम बीज की आवश्यकता होती है, जिससे किसानों को बीज पर खर्च घटता है। खेतों में पौधों के बीच उचित दूरी बनाए रखने से जड़ें मजबूत होती हैं और फसल रोग-प्रतिरोधी बनती है। फसल की सिंचाई और निराई-गुड़ाई में आसानी होती है जिससे श्रम की आवश्यकता कम होती है। खेत में हवा और धूप का संचार अच्छा होता है जिससे उपज में 25-30 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है। महिला किसानों ने बताया कि इस तकनीक से मिट्टी की गुणवत्ता भी बनी रहती है और जल संरक्षण में मदद मिलती है। प्रशिक्षण के बाद महिला किसानों ने एस‌आर‌आई विधि को अपनाते हुए अपने खेतों में धान की रोपाई की। गांव की महिला किसानों ने बताया कि पारंपरिक खेती में जहां अधिक बीज, पानी और श्रम की आवश्यकता होती थी, वहीं अब वे कम संसाधनों में बेहतर फसल प्राप्त कर रही हैं। जन जागरण केन्द्र की टीम ने गांव-गांव जाकर न केवल प्रशिक्षण दिया, बल्कि खेतों में जाकर किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन भी दिया। जन जागरण केन्द्र के परियोजना समन्वयक मोतीलाल महतो ने बताया, हमारा उद्देश्य केवल तकनीकी जानकारी देना नहीं, बल्कि महिला किसानों को एक स्थायी आय और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाना है। इसके लिए हम हर चरण पर उनके साथ हैं। परियोजना समन्वयक ने बताया कि इस परियोजना के माध्यम से महिला किसानों में न केवल खेती के प्रति जागरूकता आई है, बल्कि उनमें नेतृत्व, आत्मविश्वास और आर्थिक सशक्तिकरण की भावना भी विकसित हुई है।

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